SILENCE

राधा बिना जीवन है क्या ओ सांवरे!
राधा बिना कौन तुझे पूछेगा ओ बावरे!
मूरत है कान्हा तो राधा है सीरत
सीरत बिना मूरत का क्या भाव रे
राधा बिना कृष्ण है क्या
जैसे एक सूखा कुआं
आओ जल भर दे करके इनको प्रणाम
विधि का विधान देखो विधाता को झुका दिया
राधा बिना कृष्ण देखो कैसे कष्ट सहे
स्वयं पालनहार के अश्रु बहे,
समझ नहीं पाता हूं मैं नियति है या कोई माया
क्यों कृष्ण हुए जुदा छोड़ दी अपनी छाया
सार बिना संसार क्या
स्वर बिना बांसुरी क्या
राधा बिना कान्हा है क्या
कौन तुझे पूछेगा ओ सांवरे
भक्ति का कैसे दूं प्रमाण
जब रोक ना सका नारायण
अपने जीवन से जुदा
जब रोक न सकता हूं मैं
मालिक के अश्रु का बखान
समझ नहीं पाता हूं मैं क्यों राधा कृष्ण हुए जुदा
राधा बिना जीवन है क्या ओ सांवरे!
राधा बिना कौन तुझे पूछेगा ओ बावरे!
Beautiful poem ❤️
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteBeautiful poem
ReplyDeleteGreat poem 👌
ReplyDeleteA beautiful poem of radha krishna
Great…….one more hidden talent in you
ReplyDeleteGreat
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